ताना बाना है जिन्दगी!!!
देखा गया है की जिन्दगी को सवारने में लोग इतने मशगुल हो जाते है की समझने का वक़्त ही नहीं मिलता और जब समझना शुरू करते है तब तक हौसले जवाब दे चुके होते है.....
जिन्दगी के आयामों और नियामतो को पहचानने में, हम (मनुष्य)बहुत समय लगा देते है जबकी उपरवाला सबको सबके हिस्से की नियामते लिख के भेजता है. हमारा गुरूर ही होता है, जो क्षणिक प्रफुल्लित होकर हमें हमारी निष्पक्ष और निष्कपट सोचने की विशेषता को छिन्न- भिन्न कर देता है और हम हमारे भौतिक वस्तुओं के छाव में गर्विष्ट ( घमंड) का अनुभव करते है.
बहुत सारे ज्ञानी लोगो ने इसे अपने अपने तरीके से,नजरिये से परिभाषित किया है परन्तु जैसे इस संसार में रहने वाले सभी मनुष्यों स्वाद,रंग,भाषा और विचार अलग अलग होते है उसी प्रकार सभी की परिभाषा भी अलग होती है.
जिन्दगी को हंस के, खुल कर जीने मैं जो मजा है शायद वो किसी चीज मैं नहीं है, जिन्दगी खुद एक हमारी गुरु,मार्गदर्शक है जो हमें हर पल हर घडी कुछ न कुछ सिखाते हुए चलती है.
हमारे जीने का प्रकार ही जिन्दगी की सही परिभाषा है.
......
अमित
जिन्दगी के आयामों और नियामतो को पहचानने में, हम (मनुष्य)बहुत समय लगा देते है जबकी उपरवाला सबको सबके हिस्से की नियामते लिख के भेजता है. हमारा गुरूर ही होता है, जो क्षणिक प्रफुल्लित होकर हमें हमारी निष्पक्ष और निष्कपट सोचने की विशेषता को छिन्न- भिन्न कर देता है और हम हमारे भौतिक वस्तुओं के छाव में गर्विष्ट ( घमंड) का अनुभव करते है.
जिन्दगी,
क्या है परिभाषा इसकी ?
बहुत सारे ज्ञानी लोगो ने इसे अपने अपने तरीके से,नजरिये से परिभाषित किया है परन्तु जैसे इस संसार में रहने वाले सभी मनुष्यों स्वाद,रंग,भाषा और विचार अलग अलग होते है उसी प्रकार सभी की परिभाषा भी अलग होती है.
कोई जिन्दगी को मुस्कुराते हुए जीता है,कोई इसे घुट घुट कर जीता है...
जिन्दगी को हंस के, खुल कर जीने मैं जो मजा है शायद वो किसी चीज मैं नहीं है, जिन्दगी खुद एक हमारी गुरु,मार्गदर्शक है जो हमें हर पल हर घडी कुछ न कुछ सिखाते हुए चलती है.
हमारे जीने का प्रकार ही जिन्दगी की सही परिभाषा है.
......
अमित
Great wrote amit. Good way to describe life.
ReplyDeleteThank you for such a great appreciation.
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