यात्रा जिंदगी की!!!!
यात्रा जिंदगी की,जो कि शुरू तो बहुत पहले से हो जाती है पर एहसास तो कहीं रुकने पर होता है।
हर भावनाये जिसे हम विभिन्न परिस्थियों में अपने अपने तरीके से उपयोग करते है, वह सब हमारे साथ होते है इस यात्रा में।
सहयात्री, जो की हमारे ही अपने होते है बस रूप -भेष अलग अलग होते है। जिन्हें हम रिश्तेदार,परिवार,दोस्त के उपनामों से पहचानते है।
हमारी जो यात्रा होती है,उसका सफर बहुत बढ़िया होता है कोई मंजिल पर पहुच के यात्रा का आनंद लेता है और कुछ इस यात्रा में मंजिल तक पहुचने के बीच में आनंद लेते है।
जीवन की यात्रा में हमें कई सारे जाने - अनजाने लोग मिलते है और हर यात्रा के हर सहयात्री के साथ कि एक कहानी होती है जिसे अनुभव कहा जाता है और अनुभव एक समय के अंतराल के बाद कहानियां बन जाती है। जिसे हर किसी के साथ बाटने में वही आनंद की अनुभूति होती है जैसी की वर्तमान यात्रा के समय हुई होती है। एक बार और जी लेते है उस पल को हम ,कहानी के भरोसे .
हम जिन्दगी की यात्रा में अपने साथ इतनी सारी शिकायतों का पिटारा ( negative energy) ले कर चलते है की कई सारे अच्छे दृश्य, विचार और पारस्परिक अनुभव भी नजर नहीं आते,बेहतर होंगा की हम अपने दोनों हाथ और अपने दिमाग में थोडा सी रिक्त जगह (space) बनाते हुए चले ताकि हमें हर वो छोटी से छोटी चीज नजर आये और बहुत बारीक़ से भी बारीक आवाज़ भी हमें सुनायी दे और हर अच्छे विचारों को पकड़ और पढ़ पाएं.
मन को छू लेने वाले शब्द है - यदि शांत मन और मजबूत दिमाग से जो जिंदगी की यात्रा करते है उनके लिए तो धुप भी पिगली हुई बर्फ जैसी है.